बाल दिवस कब मनाया जाता है(बाल दिवस का इतिहास, महत्व और जवाहरलाल नेहरू का जीवन)

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बाल दिवस
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  • Introduction: बाल दिवस क्या है, कब मनाया जाता है और क्यों
  • Body:
    • जवाहरलाल नेहरू का जन्म, परिवार, शिक्षा और राजनीति में प्रवेश
    • नेहरू का भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान और गांधी जी के साथ संबंध
    • नेहरू का भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल और उनकी नीतियां
    • नेहरू का बच्चों के प्रति प्यार और उनके लिए किए गए कार्य
    • बाल दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम और उनका उद्देश्य
  • Conclusion: बाल दिवस का संदेश और नेहरू की विरासत

बाल दिवस का इतिहास, महत्व और जवाहरलाल नेहरू का जीवन:

बाल दिवस एक ऐसा दिन है जब हम बच्चों के अधिकार, शिक्षा और कल्याण के बारे में जागरूकता फैलाते हैं। यह दिन भारत में हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। नेहरू जी बच्चों के प्रति बहुत प्यार करते थे और उन्हें चाचा नेहरू के नाम से पुकारा जाता था। इस लेख में हम नेहरू जी के जीवन, उनके योगदान और बाल दिवस के महत्व के बारे में जानेगे;

नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था जो एक प्रसिद्ध वकील और कांग्रेस के नेता थे। उनकी माता का नाम स्वरूपरानी था। नेहरू जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही प्राप्त की। बाद में उन्होंने इंग्लैंड में हारो और ट्रिनिटी कॉलेज से शिक्षा ली। उन्होंने वहां से विज्ञान, दर्शन और इतिहास में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने वकालत की पढ़ाई भी की और 1912 में भारत लौटकर अपना वकालत का प्रशासन शुरू किया।

नेहरू जी ने 1916 में कामला कुमारी से विवाह किया। उनकी एक ही संतान थी जिसका नाम इंदिरा गांधी था। नेहरू जी को राजनीति में दिलचस्पी थी और उन्होंने 1919 में कांग्रेस का सदस्यता ग्रहण किया। उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लिया। उन्होंने नमक सत्याग्रह, असहयोग आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन और अन्य आन्दोलनों में हिस्सा लिया। उन्हें कई बार ब्रिटिश सरकार द्वारा जेल में डाला गया। उन्होंने जेल में अपनी प्रसिद्ध पुस्तक भारत की खोज लिखी।

नेहरू जी को 1947 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। उन्होंने भारत को एक समृद्ध, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश बनाने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने भारत की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक नीतियों का निर्माण किया। उन्होंने भारत का विदेश नीति भी तय किया जिसमें उन्होंने शांति, सहयोग और अलीगढ़ता को प्राथमिकता दी। उन्होंने नाम। उन्होंने नॉन-अलाइन्ड मूवमेंट की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नेहरू जी को बच्चों से बहुत प्यार था और वे उन्हें भारत का भविष्य मानते थे। उन्होंने बच्चों के लिए कई योजनाएं शुरू की जैसे बाल विकास योजना, बाल श्रम निषेध अधिनियम, बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम आदि। उन्हें फूलों और रंगों से भी बहुत लगाव था और वे अक्सर बच्चों को फूलों की माला पहनाते थे। उनकी पसंदीदा फूल गुलाब था। बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए, उनकी मृत्यु के बाद से ही उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

बाल दिवस के अवसर पर देश भर में बच्चों के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें खेल, प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार, वर्कशॉप, नुक्कड़ नाटक, रैली, शिक्षा मेले आदि शामिल हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों को उनके अधिकारों, जिम्मेदारियों, सपनों और प्रतिभाओं के बारे में जागरूक करना, उनकी रुचि और कौशल को बच्चों के लिए बढ़ावा देना और उन्हें एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने का अवसर देना। इन कार्यक्रमों में बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता, शिक्षक, समाजसेवी और सरकारी कर्मचारी भी शामिल होते हैं। इससे बच्चों के लिए एक सकारात्मक और सहायक वातावरण बनता है।

बाल दिवस का संदेश यह है कि हमें बच्चों को उनकी आवश्यकताओं, इच्छाओं और भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। हमें उन्हें उनके सपने पूरे करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हमें उन्हें अपने देश और संस्कृति के प्रति गर्व और जिम्मेदारी का एहसास कराना चाहिए। हमें उन्हें शांति, सद्भाव और समानता के मूल्यों को सीखना और बांटना चाहिए।

नेहरू जी की विरासत यह है कि उन्होंने भारत को एक आधुनिक, प्रगतिशील और विश्वसनीय देश बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने भारत को एक विश्वगुरु बनाने का सपना देखा था। उन्होंने बच्चों को अपना अंतिम सन्देश देते हुए कहा था, “आप लोगों को इस देश का भविष्य है, आप लोगों को इस देश को आगे बढ़ाना है।” आइए हम बाल दिवस के इस शुभ दिन पर नेहरू जी को श्रद्धांजलि अर्पित करें और उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लें।

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