Table of Contents
Marburg Virus: पूरी दुनिया जहां अभी मंकीपॉक्स की दहशत में जी रही हैं, वहीं अब ऐसे एक और नए वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी हैं जो कई गुना ज्यादा खतरनाक है। जी हां, खबरों की मानें तो पूर्व-मध्य अफ्रीकी देश रवांडा में मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) फैल रहा है।
कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये वायरस कोरोना (corona) औऱ मंकीपॉक्स (monkey fox) से भी कहीं गुना ज्यादा खतरनाक और जानलेवा है।
इस वायरस की वजह से दुनियाभर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता भी डरे हुए हैं। बताया जा रहा है कि रवांडा देश में इस वायरस के 300 से ज्याादा मामले सामने आ चुके हैं और इसके कारण 8 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
तो आइए जानते है मारबर्ग वायरस क्या है (What is marburg virus), इसके लक्षण क्या है (Symptoms of marburg Virus) और इससे बचाव के तरीके क्या है।
मारबर्ग वायरस क्या है? (What is marburg virus)
मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) एक गंभीर और घातक वायरस है जो फिलॉविरिडाए परिवार से संबंधित है। रिसर्च के मुताबिक यह वायरस इबोला वायरस जुड़ा हुआ है। इस वजह से भी इसे अधिक खतरनाक माना जा रहा है। इसे पहली बार 1967 में जर्मनी के मारबर्ग और बेलग्रेड (सर्बिया) में बंदरों से जुड़े प्रयोगों के दौरान खोजा गया था। ये इंसानों और प्राइमेट्स में इंफेक्शन फैलाता है और इससे होने वाली बीमारी को मारबर्ग वायरस रोग (Marburg Virus Disease, MVD) कहा जाता है। इसकी मृत्यु दर 50% से 88% तक हो सकती है।
मारबर्ग वायरस के लक्षण (Symptoms of marburg Virus)
मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) के लक्षण इन्फ्लूएंजा (फ्लू) जैसे सामान्य लक्षणों से प्रारंभ होते हैं, जिसे गंभीर रूप लेने में ज्यादा समय नहीं लगता है। तेज बुखार,सिरदर्द, मसल्स पेन, कमजोरी और थकावट, मतली और उल्टी,पेट दर्द और दस्त के अलावा नाक, मसूड़ों या त्वचा से खून आना इसके लक्षण है। इस वायरस के लक्षण 2 से 21 दिनों के भीतर नजर आते हैं। जिसके शुरूआती लक्षण फ्लू की तरह होते हैं, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर ब्लीडिंग और ऑर्गन फेल होने लगते हैं।
किससे फैलता है मारबर्ग वायरस (How is the Marburg disease transmitted)
मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) मुख्य रूप से फल खाने वाले चमगादड़ों (फ्रूट बैट्स) से फैलता है, वो भी खासकर Rousettus aegyptiacus नामक प्रजाति से। ये चमगादड़ वायरस के नेचुरल रिसोर्स होते हैं।
इंसानों में कैसे फैलता है ये वायरस (how does marburg virus spread)
इंसानों में ये वायरस इंफेक्टेड चमगादड़ के संपर्क में आने से फैल सकता है। इसके अलावा इंफेक्टेड व्यक्ति के शरीर के लिक्विड पदार्थ यानि खून, पसीना, मूत्र, आदि के संपर्क में आने से ये वायरस फैल सकता है । इसके अलावा दूषित सतहों या चीजों के अलावा इंफेक्टेड शव के संपर्क में आने से इस वायरस का शिकार बन सकते है। तो अब आप समझ सकते है कि ये इंसानों में किस तरह फैलता है (how does marburg virus spread)।
क्या मारबर्ग वायरस से बचाव का कोई टीका है
जिस वक्त कोरोना (corona) फैला था उस वक्त भी ये खबरें आईं थीं कि ये वायरस( virus) चमगादड़ की वजह से फैल रहा है। मारबर्ग वायरस (marburg virus) भी ऐसा ही वायरस बताया जा रहा है जो चमगादड़ों की वजह से होता है। इस वायरस से बचाव के लिए कोई विशिष्ट टीका या इलाज नहीं है, इसलिए बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यालन रखना जरुरी है। जैसे कि:
- सबसे पहले स्वच्छता का ध्यान रखें।
- इंफेक्टेड व्यक्ति या जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
- अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
- जहां मारबर्ग वायरस का प्रकोप हो, ऐसी जगहों पर जाने से बचें।
- जंगलों या गुफाओं में चमगादड़ों के संपर्क में न आएं।
- अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से इंफेक्टेड हो, तो उसे आइसोलेशन में रखें और – विशेष सुरक्षा उपायों का पालन करें।
निष्कर्ष: मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) एक दुर्लभ लेकिन घातक वायरस है, जो वायरल रक्तस्रावी बुखार (वायरल हैमरेजिक फीवर) का कारण बनता है। इस वायरस का प्रकोप खतरनाक हो सकता है, इसलिए प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता और उचित रोकथाम महत्वपूर्ण है। क्यूंकि इसके लिए लेकर अभी तक कोई टीका नहीं बना है।